केदानाथ वन प्रभाग के रैसू-चैसू के जंगलों में भड़की वनाग्नि,आग बूझाने में जूटी विभागीय टीम

 

Forest fire broke out in Raisu-Chaisu forests of Kedanath Forest Division, departmental team engaged in extinguishing the fire.

चमोलीःकेदारानाथ वन प्रभाग के नागनाथ रेंज जखमाला बीट रैसू चैसू के जंगलों में भयानक आग जंगलों को स्वाह कर रही है। वन क्षेत्राधिकारी के नवल किशोर के अनुसार वन कर्मिक वनाग्नि पर काबू पाने के लिए प्रयासरत है। लेकिन दो दिन से लगी इस भयानक आग पर फिलहाल काबू पाना वन कर्मिकों के लिए मुस्किल हो रहा है।
जनवरी माह में जंगलों में आग की घटनायें होने से वन विभाग के आलाअधिकारियों की चिन्ता बड़ा रही है। वहीं वनाग्नि के कारण जैव विविधता के साथ साथ जंगली जनवरों का जीवन भी खतरे में पड़ रहा है। जिससें खाद् श्रृखला की चेन भी खतरे में पड़ती नजर आ रही है।

ग्लोबल वार्मिग के कारण मौसम में परिवर्तन साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। बीते सालों में जहां जनवरी फरवरी माह में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वर्फवारी व बारिस देखने को मिलती थी वह अब नदारत है। बीते दो माह से अधिक समय से बारिस व वर्फवारी न होने से जहां किसानों की फसलों में सूखे का असर साफ तौर पर नजर आ रहा है। वहीं वर्फबारी व बारिश न होने से उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को भारी नुकसान पंहुचा है। हॉलाकि अभी भी यहां के किसानों व व्यवसायियों को वर्फवारी व बारिश का इंतजार है। ताकि विन्टर सीजन पर उनकी खेती व व्यवसाय को कुछ लाभ मिल सकें।
वहीं मौसम वैज्ञानिक भी मानते है कि ग्लोबल वार्मिग का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। जिसके कारण समय पर बारिस व बर्फवारी नहीं हो पा रही है। इसका असर सीधे तौर पर किसानों की फसलों,कारोबारियांे के साथ साथ आम जनमानस के स्वास्थ्य पर भी सीधे तौर पर दिखाई दे रहा है।
भानु प्रकाश नेगी, हिमवंत प्रदेश न्यूज