Doctors and staff celebrated New Year with great pomp at Shri Mahant Indiresh Hospital
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डाॅक्टरों, नर्सिंग स्टाफ व अन्य स्टाफ ने नया साल धूमधाम से मनाया। नए साल के पहले दिन केक काटकर एक दूसरे को नववर्ष-2024 की शुभकामनाएं दीं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों को मंच पर प्रस्तुत किया। अस्पताल स्टाफ पर देर शाम तक गीत संगीत का सुरूर चढ़ा रहा। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने अपने संदेश में अस्पताल के सभी डाॅक्टरों, नर्सिंग स्टाफ व सहायक स्टाफ को नववर्ष की हार्दिक बधाई एवम् शुभकामनाएं दीं।
सोमवार को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ’हीलिंग पार्क’ में ’फस्र्ट डे-2024’ कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ अजय कुमार खण्डूड़ी, श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के अधिकृत हस्ताक्षरी प्रबन्धक विजय नौटियाल, विश्वविद्यालय चीफ प्रोक्टर मनोज तिवारी, विश्वविद्यालय के समन्वयक डाॅ आर.पी.सिंह, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के प्राचार्य डाॅ आर.के.वर्मा, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ गौरव रतूड़ी, डाॅ सुमन विज, डाॅ पंकज मिश्रा, नर्सिंग अधीक्षक दीपक गुप्ता ने केक काटकर किया।
इमरजेंसी की नर्सिंग स्टाफ तेलावंती, श्वेता, दीपाल, गीता, मेघा, प्रीति और टीम ने चस्का बुरा हिमाचली गीत सहित जौनसारी गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। पार्थ रतूड़ी की सोलो प्रस्तुति ने युवा धड़कनों को और तेज कर दिया। सेंट्रल फार्मेसी प्रियंका, माधुरी व टीम सदस्यों ने गढ़वाली कुमाउनी जौनसारी गीतों से सबका मन मोह लिया। साक्षी ने बाॅलीवुड गीतों पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया।
फार्मेसी स्टाफ मोहम्मद सोहेल की शायरी ने सभी को गुदगुदाया। आदित्य ने कैशियों पर मनमोहक धुनें सुनाईं। कार्यक्रम का आकर्षण नरेल चमोली के पुराने नग्में रहे जिस पर दर्शकों ने नाचकर भरपूर समर्थन दिया। नर्सिंग स्टाफ सरोज थापा एण्ड बैण्ड ने नए साल की गीत गुनगुनाकर साल का शानदार आगाज किया। सिमरन अग्रवाल ने मंच संचालन किया। मरीजों के तीमारदारों ने भी अस्पताल स्टाफ के साथ कार्यक्रम का लुत्फ उठाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डिप्टी नर्सिंग अधीक्षक विशाल राज, डिप्टी नर्सिंग अधीक्षिका शैली पाॅल, एल्डो ब्रदर, अनीस ब्रदर, भूपेन्द्र रतूड़ी का विशेष सहयोग रहा।