Chamoli district resident Teelu Rauteli awardee Narvada met DM
तीलू रौतेली पुरुस्कार से सम्मानित नर्वदा रावत ने की जिलाधिकारी हिमांशु खुराना से शिष्टाचार भेंट।
हर वर्ष आठ अगस्त को उत्तराखंड सरकार द्वारा दी जाने वाली सम्मान तीलु रौतेली से सम्मानित नीती माणा घाटी के जेलम/बिरही की जनजाति महिला जिन्होंने हथकरघा व हस्तशिल्प के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है ने चमोली जिलाधिकारी से भेट कर जिलाधिकारी व इस शिखर तक पहुंचने में जिन जिन लोगो ने सहयोग किया सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
सीमांत जनपद चमोली के जेलम/बिरही गांव निवासी नर्मदा देवी नें पारम्परिक हथकरघा और हस्तशिल्प कला को नई पहचान दिलाई है। एमए तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद नर्वदा नें हस्तशिल्प को पहचान देते हुए वाॅल हेंगिग, शाॅल, पंखी, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर के डिजाइनों को परम्परागत हथकरघा से निर्मित कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया है। नर्मदा को हथकरघा और हस्तशिल्प के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं। 2016 में जिला प्रशासन व उद्योग विभाग द्वारा सम्मान, 2017 में राज्य उद्योग निदेशालय द्वारा हस्तशिल्प पुरुस्कार और एक लाख की धनराशि, 16 जनवरी 2018 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा हथकरघा पुरूस्कार के लिए सम्मानित और पुरस्कृत किया जा चुका है। जबकि 2019 में दिल्ली में अखिल भारतीय गो रक्षा समिति की ओर से नर्वदा रावत को हथकरघा हेतु पुरस्कार मिल चुका है। 2024 में नर्वदा रावत को उत्तराखंड राज्य शिल्प रत्न पुरुस्कार और गौरा देवी सम्मान मिल चुका है। हस्तशिल्पी नर्वदा रावत का कहना है कि वे विगत तीन दशकों से हथकरघा उद्योग से जुड़ी हुई हैं। वह अब तक सैंकड़ों महिलाओं को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दे चुकी है। इसके अलावा उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि वे महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और उनकी आर्थिकी बढे। ये सम्मान उनका नहीं है बल्कि सीमांत जनपद चमोली की हथकरघा और हस्तशिल्प से जुड़ी हर महिला का सम्मान है।
शिष्टाचार भेंट में पूर्व राज्य मंत्री सुरेश सिंह बिष्ट,पूर्व प्रधान डिगोली/बिरही गुलाब सिंह बिष्ट, तारेंद्र थपलियाल प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री, पुष्कर सिंह राणा प्रधान कागा गरपक जिला महामंत्री प्रधान संघ चमोली व पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिगोली किशन सिंह रावत आदि शामिल थे।