कणशील गांव पंहुची रावल देवता की दिवारा यात्रा,कड़के की ठंड में भी उमड़ा भक्तों का सैलाब

 

 

Wall journey of Rawal Devta reached Kansheel village, crowd of devotees gathered even in extreme cold

रूद्रप्रयागः आराध्य देव रावल देवता की दिवारा यात्रा का जत्था रूद्रप्रयाग जनपद के अनेक गांवो के भ्रमण पर है। कडाके की ठंड के बावजूद भक्तों का अटूट आस्था व विश्वास अडिग बना हुआ है।रावल देवता की बन्याथ में चलने वाले सभी भक्त नंगे पांव इस यात्रा में चल रहे है। वहीं प्रत्येक गांव में दिवारा यात्रा का स्वागत सत्कार का क्रम लगातार जारी है।
रावल देवता दिवारा यात्रा समिति के मुख्य संयोजक सुनील पंवार ने बताया कि 25 जनवरी को खाली गांव में मौजाद करने के बाद आगे भ्रमण करते हुए रात्री विश्राम रुमसी भोंसाल गांव में किया । 26 जनवरी को रुमसी भोंसाल गांव मौजांच करने के बाद रात्री विश्राम ऐंटा गांव में किया। 27 जनवरी को ऐटा गाँव में मौजाद करने के के बाद भ्रमण करते हुए रात्री विश्राम थापली गांव किया। 28 जनवरी को थापली गांव में मौजांच करने के बाद भ्रमण करते हुए धार गांव में रात्री विश्राम किया। 29 जनवरी को धार गांव में मौजांच करते हुए आगे भ्रमण कर बंजगड्डू गांव में राश्री विश्राम किया। एवं 30 जनवरी को बंजगड्डू गांव में मौजांच करने के बाद आगे भ्रमण करते हुए पिल्लू गांव में रात्री विश्राम किया।
31 जनवरी को आराध्य देव रावल देवता की देवरा यात्रा अगस्तमुनि क्षेत्र के पिल्लू गांव में मौजांच करने के बाद रात्री विश्राम जयकण्डी गाँव में किया। 1 फरवरी कणसील गाँव में रात्री विश्राम रहेगा। 2 फरवरी को क्यूजा गांव में अनिल बिष्ट पुत्र स्वर्गीय मदन सिंह बिष्ट के घर पर रात्री विश्राम पर रहेंगे। जबकि 3 फरवरी को कण्डारा गांव में रात्री विश्राम करेंगे कर भक्तों को आर्शीवाद देंगे।
गौरतलब है कि आराध्य देव रावल देवता की बन्याथ 22 नवम्बर से प्रारम्भ हुई और 8 दिसम्बर को घर्या बन्याथ (देवरा) यात्रा पूरी कर अपनी यात्रा पूरब दिसा से शुरु कर सभी गांवों व क्षेत्र में द्यूका, मंदिर देवताओं का पानी दिखाकर एव सभी ग्रामीणों को आर्शिवाद दिया। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा रावल देवता की देवरा यात्रा अपने अपने गांवों में पहुंचने पर पुष्प वर्षा एव भब्य स्वागत किया गया।