त्यागी समाज कल्याण एवं विका्स समिति द्वारा प्रतिभा अलंकरण एवं बुजुर्ग सम्मान समारोह सम्पन्न

 

रुड़की। त्यागी कल्याण एवं विकास समिति रुड़की तथा त्यागी समाज कल्याण एवं विकास समिति उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में रुड़की के बीएसएम इंटर कालेज में प्रतिभा अलंकरण तथा बुजुर्ग सम्मान समारोह का आयोजन किया गया‌।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड मैट्रो रेल के एमडी/प्रबंध निदेशक  जितेन्द्र त्यागी तथा गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्री के वाइस चेयरमैन  सुरेश त्यागी ने 150 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने 80 वर्ष एवं उससे अधिक उम्र के बुजुर्गो को अंगवस्त्र तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि  त्यागी ने कहा कि त्यागी समाज आजादी की लडाई में बहुत बड़ा योगदान रहा है। त्यागी समाज शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है तथा देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ अच्छे संस्कार दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, प्राईवेट सैक्टर में रोजगार के बहुत अवसर हैं। हमें नौकरी खोजने की बजाय नौकरी देने वाला बनना चाहिए‌। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे श्री सुरेश त्यागी जी की कार्यशैली से शिक्षा लेकर स्वरोजगार की तरफ आगे बढ़ें। सुरेश त्यागी एक छोट से किसान परिवार में जन्म लेकर अपनी इंडस्ट्री में हजारों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं।

गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्री के वाईस चेयरमैन  सुरेश त्यागी ने कहा कि बच्चों का कैरियर बनाने में माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान है। बच्चों को हमेशा अपने माता-पिता की सेवा और आदर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे अपने समाज में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षित कराने तथा गरीब कन्याओं की शादी कराने में हरसंभव प्रयास करते हैं‌।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड त्यागी समाज कल्याण एवं विकास समिति के अध्यक्ष श्री पवन त्यागी तथा संचालन श्री ब्रजेश त्यागी एडवोकेट ने किया।

समारोह में त्यागी कल्याण एवं विकास समिति रुड़की के संरक्षक  जे.डी.त्यागी, अध्यक्ष डा.राकेश त्यागी, प्रदीप त्यागी, कमलेश आर. राय, एडवोकेट नरोत्तम त्यागी, सुशील त्यागी, दिल्ली से पधारे पत्रकार भागेश कुमार त्यागी, डा.गजेंदर सिंह त्यागी, विकास त्यागी, ए.के. राय सहित समाज के 1200 से भी अधिक लोग शामिल हुए।