करूणा,वात्सल्य,समर्पण की त्रिवेणी है नारी:आचार्य ममगाई

 

 

Woman is the trinity of compassion, affection and dedication: Acharya Mamgai

रुद्रप्रयाग:कण्डारा गांव में गैरोला परिवार द्वारा अपने पित्रों की मोक्ष प्राप्ति हेतु आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन प्रसिद्ध कथावाचक जोतिषपीठ व्यास पद से अलंकृत आचार्य शिव प्रसाद मंमगाई ने सती सिरोमणि माता अनसूया अत्री मुनि,भगवान शिव पार्वती,श्रीराम लक्ष्मण जानकी, दक्ष प्रजापति सती माता, ध्रव ॠषि आदि के सुन्दर प्रसंग सुनाये।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सानिध्य में बाबा केदारनाथ का भव्य मंदिर निर्माण सनातन धर्म की शान बड़ा रहा है।बच्चों के सामने पति पत्नी को लड़ाई नही करनी चाहिए इससे बच्चों के संस्कार पर कुप्रभाव पड़ता है। भारतीय नारी के सत्कर्म से ही आज स्रोतो में पानी है,पौधों मे फल,धरती में अनाज है। माॅ के परोसे भोजन में प्रेम का रस घुला होता है,जिससे भोजन और भी स्वादिष्ट होता है।
अपने दुख परेशानी या कामना नंदी के कान में कहने से समाधान होते है।
संगीतमय कथा के दौरान “मेरी लाज तो बचाओ ओ नदी के चड्या” समेत अनेक सुन्दर भजन गाये गये।
इस दौरान चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी,कुल पुरोहित दीर्घायु प्रदाली,संगीताचार्य संदीप बहुगुणा,हिमांशु मैठाणी,अंकित कॅमनी,दीवाकर भट्ट व समस्त गैरोला परिवार समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।