Uttarakhand received the gift of 212 roads and 9 bridges in the third phase of the Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana.
PMGSY-3 के उत्तराखंड के समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है: त्रिवेन्द्र।
नई दिल्ली। हरिद्वार लोकसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान ग्रामीण विकास मंत्रालय से प्रश्न पूछा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तृतीय चरण के तहत उत्तराखंड को कितनी सड़कें स्वीकृत हुई हैं और ये परियोजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सुदूरवर्ती बाज़ार केंद्रों तक पहुंच में किस प्रकार योगदान करेंगी?
इस पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने लिखित उत्तर में बताया कि उत्तराखंड को PMGSY-3 के तहत कुल 212 सड़कें (लंबाई 2288 किमी) तथा 9 पुलों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन सड़कों का उद्देश्य ग्रामीण कृषि मंडियों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, और स्वास्थ्य केंद्रों को थ्रू-रूट के माध्यम से जोड़ना है, जिससे ग्रामीण सड़क नेटवर्क को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण में स्थानीय, गैर-पारंपरिक एवं पर्यावरण अनुकूल हरित तकनीकों को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें शामिल हैं:
कोल्ड मिक्स टेक्नोलॉजी
अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग
फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (FDR)
सेल फील्ड कंक्रीट
पैनल युक्त सीमेंट कंक्रीट
इन तकनीकों के माध्यम से पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली ग्रीनहाउस गैसों और भारी कणों के उत्सर्जन में कमी लाई जा रही है, पारंपरिक निर्माण सामग्रियों पर निर्भरता घटाई जा रही है, निर्माण प्रक्रिया को अधिक टिकाऊ और हरित बनाया जा रहा है
सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को मिली इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और ग्रामीण विकास मंत्रालय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि PMGSY-3 के तहत मिली ये सड़कें ना सिर्फ दुर्गम क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ेंगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के अवसरों तक ग्रामीणों की पहुँच सुनिश्चित करेंगी। यह उत्तराखंड के समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।