झूठ लगता है हर घर नल का नारा!अर्जुन सिंह भण्डारी

The slogan of every household tap sounds like a lie! Arjun Singh Bhandari

गुप्तकाशी-: ग्रामीण इलाकों में अपने सिर पर पानी की गगरी उठाये कई कोसो दूर जाकर नदी, झरनों से पानी भरकर घर लाने वाली महिलाओं के जीवन को सुगम बनाने के सरकार के वादे हर दिन हर घर मे फेल होते नज़र आ रहे है, घर घर मे आज एक की जगह दो से तीन नल जरूर है किंतु उनमें पानी के नाम पर बस इंतज़ार है। जनपद रूद्रप्रयाग के ऊखीमठ ब्लॉक अंतर्गत गुप्तकाशी से 5 किमी दूर स्थित ग्राम सेमी में आज जल संस्थान द्वारा हर घर नल जरूर लगा दिए गए है,किन्तु उसमे पानी आएगा की नही इसके विषय मे जल संस्थान को खुद कोई जानकारी नही। हाल यह है कि गांव में हर दूसरे दिन की यही दिक्कत है, रोज नल खोलो तो नल में या तो पानी की एक बून्द नही और बून्द है तो गति ऐसी की आधा घन्टा मानकर चलेंगे तो एक बाल्टी भर ही जाएगी। गर्मियों में यह सिलसिला और बत्तर हो जाता है जहां आसपास के जल स्त्रोत सुख जाते है ऐसे में नल में पानी न आने पर ग्रामीण कहाँ से अपने लिए पीने का पानी लाएंगे यह ख्याल जल संस्थान के जहन में भी आया होगा, इसके कोई उम्मीद शायद ही सेमी ग्रामीण वासियो को है!

आलम यह है कि ग्रामीण जल संस्थान ऊखीमठ को शिकायत कर करके थक गए किन्तु जल संस्थान के पास ग्रामीणों की पीने के पानी की आपूर्ति करने के लिए पानी रिज़र्व करने जैसी कोई ‘समझदार’ योजना ही नही है। सरकार के नुमाइंदों द्वारा गांव में जगह जगह हैंडपंप खुदवाकर सरकार को बेवकूफ बनाने व सरकारी धन का व्यय करने जैसे काम किये है किंतु पानी को संरक्षित करने को टैंक जैसी कोई सुविधा इनके पास नही।
वैसे तो गाँव में सिंचाई की व्यवस्था हेतु नहर का निर्माण किया गया किन्तु उसमे कभी पानी आया या नही इसकी जानकारी ही नही है। और रही बात गांव भर को जल आपूर्ति की तो जल संस्थान द्वारा प्लास्टिक पाईपों को जोड़कर जुगाड़ कर- करकर पानी की व्यवस्था की जाती है। ऊखीमठ जल संस्थान मात्र प्रकृतिक संस्थानों पर अपनी निर्भरता का रोना रोकर अपना पल्ला झाड़ने के काम कर रहा है। फोन कर पानी न आने की समस्या की बात की जाए तो हाँ,काम चल रहा है,अभी ठीक हो जाएगा आदि हज़ार बहाने ग्रामीणों को दे दिए जाते है किंतु फिर वही अगले दिन का नया इंतज़ार।

सेमी गांव में अगर जल संस्थान के कर्मियों द्वारा अपने कार्यालय से बाहर आकर जल आपूर्ति बाधित की समस्या का मूल कारण ढूंढा होता तो गांव में जगह जगह सड़को किनारे टूटे हुए पाइप देख उन्हें दुरुत्त करने का कुछ ख्याल भी आता! आम जनता की समस्या सुनने के लिए जे0ई0, ए0ई0 आदि का मौजूद होना भी उनकी नामौजूदगी जैसा ही लगता है।
वर्तमान में रुद्रप्रयाग में भगवान केदारनाथ यात्रा जोरो शोरो पर गतिमान है और सेमी गांव केदारनाथ धाम जाने के मुख्य मार्ग के मध्य स्थित है। केदारनाथ धाम को देखते हुए इस गांव के लोगो द्वारा स्वरोजगार के लिए होमस्टे,ढाबा आदि कार्य शुरू किए गए है किंतु जल आपूर्ति बाधित होने की वजह से न ही यात्रियों को होटल में पानी दे सकते है न ही खुद के लिए इस्तेमाल की कर सकते है। पानी आपूर्ति बाधित होने की वजह कोई यात्री भी उनके होम स्टे में ठहरने से गुरेज कर रहे है,जिससे निश्चित ही आज उनके रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। जल संस्थान को हजार बार की गई शिकायत पर जल संस्थान एक्शन लेगी की नही इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नज़र आ रही ऐसे में ग्रामीणों को पीने का पानी कब नसीब होगा इसका भगवान मालिक है! देखना यह भी होगा कि घर मे लगे नल मात्र शोभा बढ़ाने के लिए ही रहेंगे या ग्रामीण उनमें पानी के दर्शन भी करेंगे।