पोखरी मेले की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में भागचंद सावन और माया उपाध्याय के गीतों पर झूमे दर्शक।

The audience danced to the songs of Maya Upadhyay in the third cultural evening of Pokhari Fair.

चमोली (पोखरी)। कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल पर्यटक किसान विकास मेले की तीसरी सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ सामाजिक कार्यकर्ता बसंत भंडारी और मनोज भंडारी ने फीता काटकर किया।

तीसरी सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध लोकगायिका माया उपाध्याय और भागचंद सावन की टीम ने देर रात्रि तक शानदार लोकगीत प्रस्तुत किए। उनके गीतों पर सैकड़ों श्रोता जमकर थिरकते नजर आए।

भागचंद सावन ने “शूम्भू जय बोला जय महाकाल,” “गढ़वाले मां बाघ लगी,” “जय मां नंदा” जैसे जोशीले गीतों से माहौल भक्तिमय बना दिया। वहीं माया उपाध्याय ने “सुरा सुरा हवा चली साड़ी सम्भाला,” “क्रीम पौडरा घिसनी किलै ने मेरी निर्मला,” “बेड़ू पाको बारोमासा,” “निजानी नौकरी में दिल्ली भौतै दूर,” और “हाई काकड़ी झील मां लुंड फीस सीले मा” जैसे लोकगीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी ने कहा कि “पोखरी मेला आज देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बना चुका है। यह पोखरी क्षेत्र के लोगों के सहयोग और सांस्कृतिक चेतना का परिणाम है।”

इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष सोहनलाल ने अतिथियों और लोकगायकों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र असवाल और संतोष चौधरी ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर सतेन्द्र कंडारी, हनुमंत कंडारी, आनंद सिंह रावत, मनोज भंडारी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।