Passes will be issued through online portal.
एक दिन में 35 लोगों को मिलेगा इनर लाइन परमिट पास।
चमोली जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने हेतु इनर लाइन परमिट को लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में बताया गया कि दो तरह के पास जारी किए जाते हैं पहला लोकल ट्रांजिट पास जिसमें 2 दिन से ज्यादा की अनुमति होती है यह वंहा के चरवाहों को ध्यान में रखकर दिया जाता है दूसरा इनर लाइन परमिट जिसमें यात्रियों को 2 दिन का पास दिया जाता है इनर लाइन परमिट से यात्रियों को नीति पास, माना पास और रिमखिम पास से 16 टूरिस्ट लोकेशन पर जाने की अनुमति दी जाएगी ।
ऑनलाइन पोर्टल चारधाम यात्रा के समय ही स्टार्ट होगा जिसकी फीस 200 रुपये प्रति व्यक्ति रक्खी गयी है और एक दिन में 35 लोगों को ही इनर लाइन परमिट जारी किया जाएगा। इस पास के लिए जरूरी दस्तावेज देने होंगे जैसे पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट,पहचान पत्र, ऐफिडेविट और मेडिकल जांच रिपोर्ट आदि। 60 वर्ष से ऊपर के यात्री को मेडिकल रिपोर्ट के साथ इनर लाइन परमिट का पास दिया जाएगा।
इस बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पास में कुछ शर्तें भी लिखी जाये जैसे खराब मौसम होने पर या सुरक्षा की दृष्टि से किसी यात्री को परमिट मिलने के बाद भी उसका परमिट रद्द किया जा सके।
इस बैठक में एडीएम विवेक प्रकाश , उपजिलाधिकारी चन्द्रशेखर वशिष्ठ और अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।
*क्या है इनर लाइन परमिट*
एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज़ है जिसे संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है। यह भारतीय नागरिकों को देश के अंदर किसी संरक्षित क्षेत्र में निश्चित अवधि के लिये यात्रा की अनुमति देता है।
इसे बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के आधार पर लागू किया गया था।बंगाल ईस्टर्न फ़्रंटियर रेगुलेशन, 1873, बंगाल के पूर्वी सीमांत पर शांति और शासन के लिए बनाया गया था. यह विनियमन, आदिवासी लोगों की पहचान और संस्कृति की रक्षा करने में मदद करता है,इसे इनर लाइन रेगुलेशन भी कहा जाता है।
यह अधिनियम पूर्वोत्तर के पहाड़ी आदिवासियों से ब्रिटिश हितों की रक्षा करने के लिये बनाया गया था क्योंकि वे ब्रिटिश नागरिकों के संरक्षित क्षेत्रों में प्रायः घुसपैठ किया करते थे।
इसके तहत दो समुदायों के बीच क्षेत्रों के विभाजन के लिये इनर लाइन (Inner Line) नामक एक काल्पनिक रेखा का निर्माण किया गया ताकि दोनों पक्षों के लोग बिना परमिट के एक-दूसरे के क्षेत्रों में प्रवेश न कर सकें।