Major Ravindra Rawat brought pride to Uttarakhand, received honor from the President for his indomitable courage and exemplary leadership.
अदम्य साहस और अनुकरणीय नेतृत्व के लिए मेजर रविन्द्र रावत शौर्य चक्र से सम्मानित
मेजर रविन्द्र सिंह रावत 44 राष्ट्रीय राइफल्स में कार्यरत थे। उनके बटालियन द्वारा इनके नेतृत्व में आतंकवादियों के विरोध में संचालित किए गए 11 सफल अभियानों में 28 कट्टर आतंक वादियों का सफाया किया गया।
इसी अन्तराल में 30 अगस्त 2022 को जम्मू कश्मीर के शोपियां जिला के एक गांव में तीन आतंकवादी मुठभेड़ से भाग रहे थे। जिस पर मेजर रावत ने अपना अचूक निशाना लगा कर ढेर कर दिया। तत् पश्चात दो आतंकवादी किसी भीड़ में छुपकर भागने का प्रयास कर रहे थे। जिनका पीछा करते हुए । मेजर रावत ने अपनी जान के परवाह न करते हुए। असाधारण पहल करके एक कुख्यात आतंकवादी को वहीं पर ढेर कर दिया। जो पहले भी सेना के घेरे से निकल कर नुकसान पहुंचा चुका था।
इस अद्वितीय साहस ,अनुकरणीय नेतृत्व और सर्वोच्च वीरता प्रर्दशन पर 5 जुलाई 2024 को न्यू दिल्ली राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी ने मेजर रविन्द्र सिंह रावत जी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
मेजर रविन्द्र सिंह रावत (शौर्य चक्र ) सूबेदार मेजर (से. नि) बादर सिंह रावत के सुपुत्र हैं। जो कोर आफ़ सिग्नल रेजिमेंट से सेवा निवृत्त हैं। रावत स्वयं एक समाजसेवी हैं। इनका पैतृक गांव गौचर (अंगोत) जिला चमोली गढ़वाल है। हाल निवास सेवला कलां देहरादून मे है। आप का परिवार सैनिक पृष्ठभूमि से पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है। आपके दादा स्वर्गीय बालम सिंह रावत भी सेना से सेवानिवृत थे ।और आपकी बड़ी बहिन शशि रावत भी इस वक्त आर्मी मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर सेवारत है । तथा आपके परिवार में दोनों चाचा रणवीर सिंह रावत और गोविंद सिंह रावत भी सेना से सेवानिवृत्ति है ।