IIT will give direct admission to toppers: Professor Pant.
चमन लाल स्वायत्त महाविद्यालय में ओपन यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त दीक्षारंभ।
लंढौरा (हरिद्वार)। चमन लाल स्वायत्त महाविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह में मुख्य अतिथि रुड़की आईआईटी निदेशक प्रोफेसर कमल किशोर पंत ने कहा कि अन्य विश्वविद्यालयों के टॉपर्स को रुड़की आईआईटी में उच्चतर उपाधियों में सीधे प्रवेश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नॉलेज के क्षेत्र में योगदान करने के इच्छुक हर एक युवा के लिए आईआईटी के द्वार खुले हुए हैं।आज महाविद्यालय में उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कुलपति प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी की अध्यक्षता में संयुक्त दीक्षारंभ समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की शुरुआत अतिथियों द्वारा परिसर में पौधारोपण करके की गई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर कमल किशोर पंत ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में नई पीढ़ी को अधिक सक्रियता के साथ भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि जिस समय भारत अपनी आज़ादी की शताब्दी मना रहा होगा, ठीक उसी समय रुड़की आईआईटी की स्थापना को 200 वर्ष पूर्ण होंगे। प्रोफेसर पंत ने कहा कि आईआईटी के द्वार सभी इच्छुक लोगों के लिए खुले हुए हैं, आप अपने विचारों को क्रियान्वित करने के लिए आईआईटी की प्रयोगशालाओं का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने प्रयोगात्मक शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया तथा उन्नत भारत का जिक्र करते हुए ग्रामीण विकास, ऊर्जा संरक्षण, एआई, मशीन लर्निंग का उल्लेख किया। उन्होंने छात्रों को विस्तार से बताया कि पलायन कैसे रोका जाए, गांव में कैसे टेक्नोलॉजी को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि समग्र विकास के लिए रोजगारपरक अवसरों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उत्तराखंड अनेक संसाधनों से भरा हुआ है, इनका प्रयोग करते हुए नवाचार की आवश्यकता है। प्रोफेसर पंत ने कहा कि अन्य विश्वविद्यालयों के टॉपर्स को सीधे प्रवेश हेतु आईआईटी रुड़की ने अपने यहां व्यवस्था लागू की है, साथ ही निकट क्षेत्र के इंटर कॉलेज के स्टूडेंट्स को आईआईटी में प्रवेश हेतु भी प्रेरित करने का अभियान संचालित किया गया है।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में नियमित डिग्री के साथ-साथ आप दूसरी डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा 100 से अधिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें डिप्लोमा, डिग्री, डॉक्टरेट उपाधियाँ आदि सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि आज की जरूरत के अनुरूप स्किल बेस्ड एजुकेशन होनी चाहिए। विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही एक क्लिक पर संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर अपनी शिक्षा को आगे बढ़ा सकते हैं। कुलपति ने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे भी अपनी अकादमिक योग्यता को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों के माध्यम से और बढ़ाएं।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. के. आर. भट्ट ने विश्वविद्यालय की योजनाओं और प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इस साल ओपन यूनिवर्सिटी गांव स्तर तक अभियान चला रही है। महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने आईआईटी निदेशक के आगमन को महाविद्यालय के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। उन्होंने विज्ञान के शिक्षकों-छात्रों को आईआईटी की शैक्षिक योजनाओं का लाभ उठाने को कहा।
प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने महाविद्यालय की विगत वर्षों की उपलब्धियों का जिक्र किया। विगत वर्षों में 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने नेट, गेट, जैम की परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं, जो ग्रामीण इलाके के कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि है।
मंच का संचालन आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ. दीपा अग्रवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष अतुल हरित, ओपन यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. बृजेश बनकोटी, दीक्षारंभ के समन्वयक डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. हिमांशु कुमार, डॉ. किरण शर्मा, डॉ. अनामिका चौहान, डॉ. इरफान तथा अनुशासन समिति के सदस्यों द्वारा किया गया।