Haprek Institute of HNBGU distributed Jatamansi and Atis saplings in Himni.
देवाल: हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के हैप्रेक संस्थान की ओर जनपद चमोली के देवाल विकासखंड के अति दुर्गम क्षेत्र के हिमनी में दुर्लभ प्रजाति के जटामांसी और अतीस पौधे बांटे।
शुक्रवार को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी शोध केंद्र (हैप्रेक) संस्थान ने चमोली जिले के देवाल विकासखंड के दूरस्त गांव हिमनी में दुर्लभ जड़ी-बूटी जटामांसी व अतीस के पौधों का वितरण किया। इस दौरान ग्रामीणों को जड़ी-बूटी का कृषिकरण और उनकी देखरेख का प्रशिक्षण भी दिया गया। डीबीटी परियोजना ( हिमालयन बायो रिसोर्स मिशन )के तहत के सहयोग । जड़ी-बूटी में बता दे की वर्तमान में यहां कुटकी का कृषिकरण किया जा रहा है इसमें और इजाफा करने हेतु संस्थान में हैप्रक के निदेशक डा. विजय कांत पुरोहित के दिशा निर्देश मैं तुंगनाथ से दुर्लभ जटामांसी एवं अतीस की दो हजार से अधिक पौध उपलब्ध कराई गई।इस दौरान वन विभाग वन आरक्षी आनंद सिंह पटाकी, राजेंद्र शाह एवं गोविंद रावत,समाजसेवी महिपाल सिंह, रूप सिंह, श्रीमती प्रविंद्र देवी हैप्रेक की और से डा. राजीव रंजन,डा.जयदेव चौहान, मुकेश करासी, जगदीश सिंह बजवाल दीपिका आदि मौजूद रहे।