Conclusion of two day referrer training on community participation.
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर चमोली में सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत थराली, देवाल, नारायणबगड़, दशोली, जोशीमठ व कर्णप्रयाग के सन्दर्भदाताओं के विद्यालय प्रबंधन समिति एवं विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्यों के दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हो गया है ।
कार्यशाला के समापन के अवसर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य आकाश सारस्वत ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि समुदाय को विद्यालय का स्वामित्व लेना ही होगा । अपने विद्यालय के उद्देश्य सुनिश्चित कर विद्यालय के साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। कई एसएमसी इसमें अपना बहुत ही शानदार योगदान दे रहे हैं। सामुदायिक सहभागिता के तहत समुदाय द्वारा किए जाने वाला योगदान की बात लाख या हज़ार की नहीं बल्कि भावनाओं की है। समुदाय जिला पंचायत, विधायक निधि से विद्यालय के विकास हेतु अपना योगदान दे रहा है जिससे बच्चों को सीखने का अनुकूल माहौल मिल सके। समुदाय इन सबके प्रति जागरूक है वे अपने विद्यालय को सर्वोत्तम बनाने के लिये सतत कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना चाहिए कि हम जिस व्यवहार की दूसरों से अपेक्षा रखते हैं वही व्यवहार हमें दूसरों से करने की आवश्यकता होती है।
हम अपने कार्यदायित्वों का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं तो समाज अपने आप ही विद्यालय को अपने बच्चे के लिये सब कुछ निष्ठा से वापस लौटाते हैं। विद्यालय व्यवस्था विद्यालय के सचिव या शिक्षक के नेतृत्व से ही चलती हैं। समुदाय में हम कितने मिले है उनके सुख दुःख में हम कितने शामिल होते हैं। शिक्षा में चार मूलभूत अनिवार्य तत्व हैं बालक,पालक, शिक्षक और शासक। शासक अच्छा भौतिक व मानव संसाधन विद्यालय को उपलब्ध कराये। शिक्षक व बालक दोनों इनमें सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। पालक को बच्चे को एक अच्छा वातावरण देना होगा। बच्चे की कठिनाइयों व मजबूत पक्ष को जानना होगा व आवश्यकतानुसार उसमें अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा, तभी शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। कई शिक्षक अपना सर्वोच्च देकर बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा व उनके चहुँमुखी विकास में अपना योगदान दे रहे हैं लेकिन सभी विद्यालयों को ऐसा करने की आवश्यकता है।
प्रशिक्षण के मुख्य सन्दर्भदाता गोपाल कपरुवान व नरेन्द्र रावत ने बताया कि इस कार्यशाला में समग्र शिक्षा व इसके अंतर्गत विभिन्न योजनाएं, बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान के अंतर्गत निपुण भारत मिशन व निपुण विद्यालय, पीएम श्री विद्यालय, बालिका शिक्षा,निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, बाल अधिकार एवं बाल अधिकारों से जुड़ा शिकायतों का निस्तारण, स्वच्छता, आपदा, विद्यालय प्रबंधन समिति एवं विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति का गठन व उनकी बैठक, समावेशी शिक्षा, सिविल कार्य गुणवत्ता परक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुदाय की भूमिका पर चर्चा परिचर्चा आयोजित की गयी।
इस अवसर पर संकाय सदस्य राजेंद्र प्रसाद मैखुरी, सुमन भट्ट, मृणाल जोशी , दिगंबर नेगी, त्रिलोक नेगी, राहुल डिमरी, मनोज कुमार, भगवती बेंजवाल, लक्ष्मण सिंह, रजनी नेगी, देवराम घुनियाल, देव सिंह, सुरेंद्र सिंह, ललिता, विमला रावत सहित 43 सन्दर्भदाता उपस्थित रहे l
अब न्याय पंचायत स्तर पर सन्दर्भदाता विद्यालय प्रबंधन समिति एवं विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्यों हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण में अपना योगदान देंगे ।