उत्तराखंड में कैंसर उपचार के बाद की देखभाल को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल

A significant initiative towards strengthening post-cancer care in Uttarakhand

 

पौड़ी जिले के 130 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स के लिए कैंसर सर्वाइवरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम का सफल समापन।

कैंसर सर्वाइवरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम का सफलतापूर्वक समापन 30 मई 2025 को हुआ। इस वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम में पौड़ी जिले के कुल 130 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (CHOs) ने भाग लिया। यह कार्यक्रम श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून के कैंसर विभाग, ECHO इंडिया (एनजीओ) एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), उत्तराखंड सरकार के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया। यह संयुक्त प्रयास राज्य में कैंसर सर्वाइवरशिप के क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर क्षमता निर्माण की दिशा में एक अहम कदम है।

पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज गर्ग के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में किया गया। इस अवसर पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन पूजनीय श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने इस महत्वपूर्ण पहल की सराहना करते हुए संपूर्ण टीम को बधाई दी और कहा कि यह प्रशिक्षण राज्य के कैंसर रोगियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

प्रशिक्षण के दौरान कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स ने अपने क्षेत्रों के कैंसर रोगियों से संबंधित मामलों पर चर्चा की, अपने अनुभव साझा किए और केस डिस्कशन के माध्यम से व्यावहारिक समस्याओं का समाधान सीखा। छह महीने तक चले इस प्रशिक्षण में कैंसर के बोझ, भारत और एशिया में सर्वाइवरशिप की वर्तमान स्थिति, सह-रोगों का प्रबंधन, विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ समन्वय, कैंसर सर्वाइवर के मानसिक व मनो-सामाजिक स्वास्थ्य की देखभाल, दीर्घकालिक रोगियों में दर्द प्रबंधन, रोकथाम की भूमिका, बहु-विषयक टीम आधारित देखभाल, रोगी केंद्रित अप्रोच तथा पुनर्वास और जीवन गुणवत्ता में सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया।

यह प्रशिक्षण अक्टूबर 2024 में प्रारंभ हुआ था और पूरी तरह वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के विशेषज्ञों एवं ECHO इंडिया के मेंटर्स के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम ने पौड़ी जिले के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स को कैंसर सर्वाइवरशिप के जटिल पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने और व्यावहारिक कौशल विकसित करने में सक्षम बनाया है। यह पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाएगी ताकि कैंसर से ठीक हो चुके रोगियों को चिकित्सा, मानसिक, शारीरिक व सामाजिक हर स्तर पर समुचित देखभाल मिल सके।