चतुर्थ केदार भगवान श्री रूद्रनाथ के कपाट ब्रह्ममुहूर्त में वैदिक मंत्रोचार एवं धार्मिक रीतिरिवाजों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए

The doors of the fourth Kedarnath Lord Shri Rudranath were opened for the devotees in the Brahma Muhurta with Vedic mantras and religious rituals

 

चतुर्थ केदार भगवान श्री रूद्रनाथ के कपाट  ब्रह्ममुहूर्त में वैदिक मंत्रोचार एवं धार्मिक रीतिरिवाजों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। मुख्य पुजारी सुनील तिवारी ने विधि विधान से श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कपाट खोलने की प्रक्रिया सम्पन्न की। अगले 6 माह तक भगवान रूद्रनाथ यही विराजमान रहेंगे।

समुद्र तल से 3,600 मीटर (11,800 फीट) की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुखारविंद की पूजा होती है। कपाट खुलने के साथ ही ग्रीष्म काल में छह माह तक रुद्रनाथ में ही भगवान शिव की नियमित पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं शीतकाल में भगवान की पूजा गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर में की जाती है।