द्विज मात्र के अत्यंत अनिवार्य गायत्री संध्योपासन के महत्व को वार्षिक पत्रिका द्वारा किया  प्रकाशित

The importance of Gayatri Sandhyopasana, which is extremely essential for Dwijas, was published by the annual magazine.

 

उत्तराखंड विद्वत् सभा ने प्रकाशित किया गायत्री विशेषांक
पटेल नगर – द्विज मात्र के अत्यंत अनिवार्य गायत्री संध्योपासन के महत्व को वार्षिक पत्रिका द्वारा  प्रकाशित किया गया। सभा के अध्यक्ष  विजेन्द्र प्रसाद ममगांई ने कहा कि संवत् २०८१ के १५ संस्करण के सम्पादक सत्यप्रसादसेमवाल जी के नेतृत्व में पत्रिका छपी । महासचिव आचार्य दिनेश प्रसाद भट्ट ने बताया कि  मन भावन पेलेस , पटेल नगर , देहरादून में मुख्यातिथि डॉ मोहन लाल जोशी जी, डा राम लखन गैरोला , डा राम भूषण बिजल्वाण, पवन शर्मा , पं उदयशंकर भटट जी, जयप्रकाश गोदियालजी, संपादक श्री सत्य प्रसाद सेमवाल, जयदेव सुन्दरियाल, चंद्रप्रकाश ममगांई हर्ष पति गोदियाल ने पत्रिका का विमोचन किया। मौके पर मुकेश पन्त, उमेश भट्ट, राजेश अमोली, रविन्द्र डंगवाल, मुकेश कौशिक,आदित्यराम थपलियाल, दीपक अमोली, राजेश्वर प्रसाद सेमवाल, भुवनेश चंद्र थपलियाल, श परशुराम तथा धीरज मैठाणी सहित समस्त सदस्य मौजूद रहें।